Palamu Tiger Reserve Latehar Betla Jharkhand
Palamu Tiger Reserve लातेहार जिला के पच्छिम की ओर छोटानागपुर पठार पर बसा हुवा हैं | Palamau Tiger Reserve सन 1974 में बाघ परियोजना के तहत गठित किया गया था | पलामू बाघ रिज़र्व जैव विविधता के लिए बहुत जरुरी है |
ये योजना ज्यादातर साल जंगल, पत्झड़ी जंगल तथा बांस का जंगल के तौर पर गठित किया गया था | इस दौरान बहित सरे जंगलो के जगहों को रिज़र्व किया जगा था और जंगल को बचाया भी गया था | इसे वन्यजीव सैंक्चुअरी और राष्टय पार्क घोषित कर दिया गया था | ये रिज़र्व तीन नदियों के जल विभाजन के लिए किया गया था जिसमें कोयल नदी, बुरहा नदी और औरंगा नदी शामिल है | पलामू रिज़र्व टाइगर की कुल श्चेत्रफ़ल लगभग 1129.93 KM sq है |
बाघों का दिखना एकदम न के बराबर हो गया है और उन्हें गिनना तो और भी मुश्किल हो गया है क्यूंकि 1990 के बाद से यहाँ नक्सलवादी गतिविधिओं के कारन बाघ बहुत मुश्किल से दिखाए देते है |
1973 में जब बाघों की गिनती हुई थी तब टाइगर रिज़र्व ने 50 बाघों की पुस्टि की थी | 2005 में जब इसकी गिनती हुई तो 38 बाघ बचे थे और जब 2007 में इसकी गिनती हुई तो केवल 17 बाघ ही मिलें |
पलामू टाइगर रिज़र्व में बाघ के अलावा हाथी , तेंदुआ, जंगली कुत्ते , बन्दर, हिरण , लंगूर, और पक्षियों की जानकारी भी राखी जाती है |
पलामू रिज़र्व में पक्षियों को भी इसके अंतरगर्त रखा गया है | यहाँ लगभग 140 प्रजातियाँ पक्षियों की देखी जा चुकी है | पक्षियों में मोर , धनेश , पपीटा , लाल जंगली मोर पाए जाते है |
2013 में पहली बार एक उजाले रंग के गिद्ध कोयल नदी के किनारे दिखाई दिए थे | ये दस साल में पहली बार Palamau में गिद्ध दिखाई पड़ा था |
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