UP Nishulk Boring Yojana 2023 (यूपी निशुल्क बोरिंग योजना) Apply Online – किसानों के लिए पानी खेती के लिए बहुत ज़रूरी होता है। बारिश के न होने के कारण, उन्हें फसल की सिंचाई के लिए बोरिंग की आवश्यकता होती है। लेकिन कुछ किसान इतने कमजोर और गरीब होते हैं कि वे बोरिंग करवाने के लिए पर्याप्त धन नहीं होता है। ऐसे में उनका फसल बर्बाद होता है और वे परेशानियों का सामना करते हैं।
इस समस्या से निजात दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा यूपी निशुल्क बोरिंग योजना की शुरुआत की गई है आज हम आपको उत्तर प्रदेश निशुल्क बोरिंग योजना के अंतर्गत कैसे आवेदन करना है और फ्री में बोरिंग कैसे प्राप्त करनी है की जानकारी देने वाले हैं अतः आप इस आर्टिकल को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़ें
यूपी निशुल्क बोरिंग योजना का शुभारंभ
Contents
सरकार ने यूपी निशुल्क बोरिंग योजना शुरू की है जो कि किसानों को उनकी फसल की सिंचाई के लिए बोरिंग कराने की सुविधा प्रदान करती है। अब किसानों को अपनी फसल की सिंचाई के लिए पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं होगी। इस योजना के अंतर्गत सभी किसानों को अपनी अपनी व्यवस्था करवाने की सुविधा होगी जो कि उनकी सिंचाई के लिए आवश्यक है। इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको यूपी निशुल्क बोरिंग योजना के लाभ, पात्रता, आवेदन करने की प्रक्रिया और योजना का संचालन करने का उद्देश्य आदि की जानकारी देंगे। आप भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
UP nishulk boarding Yojana 2023
उत्तर प्रदेश सरकार ने 1950 में यूपी निशुल्क बोरी योजना शुरू की थी ताकि प्रदेश के लघु एवं सीमांत किसानों को सिंचाई करने के लिए बोरिंग की सुविधा उपलब्ध हो सके। इस योजना के तहत सामान्य जाति और अनुसूचित जनजाति के सभी किसानों को बोरिंग की सुविधा प्रदान की जाती थी। इसके अलावा, किसानों को बैंक से लोन भी दिया जाता था ताकि वे अपने खेतों में पंपसेट की व्यवस्था कर सकें।
यह योजना उन सभी लघु एवं सीमांत किसानों के लिए है जो न्यूनतम जोत सीमा 0.2 हेक्टेयर से कम वाले खेतों में फसल उगाते हैं। यदि किसान के पास इससे कम जमीन है तो उन्हें इस योजना का लाभ समूह बनाकर उठाने की सुविधा है। इस योजना से सिंचाई की सुविधा से न केवल किसानों को बेहतर फसल उगाने में मदद मिलेगी बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से भी सहायता प्रदान की जाएगी।
संबंधित प्रदेश के अनुसूचित जाति, जनजाति और सीमांत किसानों के लिए न्यूनतम सीमा निर्धारित नहीं की गई है। पठारी क्षेत्र में हैंड बोरिंग सेट से बोर्डिंग करना संभव नहीं है लेकिन वहां वेलिया रेगन ड्रिल मशीन से बोरिंग करने की अनुमति दी जाएगी। इस स्थिति में सभी किसानों को अनुदान के साथ सीमा तक मदद पहुंचाने के लिए उपलब्ध होगा। इसके अलावा, किसान अपने द्वारा वहन किए जाने वाले उत्पादों का भी प्रबंधन करेंगे।
यूपी निशुल्क बोरिंग योजना का उद्देश्य
UP Nishulk Boring Yojana का मुख्य उद्देश्य है कि जितने भी प्रदेश के सभी किसान है वह जो भी गरीब किसान जिनकी अपनी फसल की सिंचाई के लिए बोरिंग सुविधा नहीं है और इनके पास इतने पैसे नहीं कि बोरिंग अपने पैसे से करवा सके उन सभी के लिए मुफ्त बोरिंग की सुविधा उपलब्ध करवाना है जिससे कि प्रदेश के सभी किसान की फसल सिंचाई अच्छी तरीके से हो सके और इस योजना के अंतर्गत क्षेत्र की सभी गुणवत्ता बढ़ाने में भी बहुत ज्यादा साबित होगी और इस योजना के माध्यम से सभी किसानों के जीवन स्तर में बहुत अच्छी तरीके से सुधार आएगा और इसके अलावा आपको बता दें कि यह योजना किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए भी बहुत ज्यादा अच्छी तरह से साबित होगी और सरकार इस योजना के माध्यम से सभी किसानों को निशुल्क बोरी की सुविधा दे किसान अपने खेत में सिंचाई अच्छी तरीके से कर सकेंगे और प्रदेश के सभी किसानों को पानी की कमी के कारण सिंचाई न करने की समस्या से भी राहत मिल जाएगी।
up nishulk boring Yojana 2023 key highlights
🔥 योजना का नाम | 🔥 यूपी निःशुल्क बोरिंग योजना |
🔥 किसने आरंभ की | 🔥 उत्तर प्रदेश सरकार |
🔥 लाभार्थी | 🔥 उत्तर प्रदेश के किसान |
🔥 उद्देश्य | 🔥 निशुल्क बोरिंग की सुविधा उपलब्ध करवाना |
🔥 आधिकारिक वेबसाइट | 🔥 minorirrigationup.gov.in |
🔥 साल | 🔥 2023 |
🔥 राज्य | 🔥 उत्तर प्रदेश |
🔥 आवेदन का प्रकार | 🔥 ऑनलाइन/ऑफलाइन |
यूपी निशुल्क बोरिंग योजना का लाभ और इसके विशेषताएं
- सन 1985 में प्रदेश के जितने भी लघु एवं सीमांत किसानों को बोरिंग की सुविधा दी जाएगी और इसके लिए उत्तर प्रदेश की सरकार के द्वारा यूपी निशुल्क बोरिंग योजना का शुभारंभ किया गया है ।
- UP Nishulk Boring Yojana के माध्यम से जितने भी सामान्य जाति एवं अनुसूचित जाति जनजाति के जितने भी लघु एवं सीमांत किसान हैं उन सभी को इस योजना के माध्यम से सामान्य जाति एवं अनुसूचित जाति वाले की सिंचाई के लिए बोरिंग की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।
- बोरिंग के लिए पंपसेट की व्यवस्था करने के लिए किसान के द्वारा बैंक के द्वारा लोन भी दिया जाएगा जिससे कि सामान्य श्रेणी के सभी लघु एवं सीमांत किसानों को इस योजना का लाभ तभी दिया जाएगा जब उनके पास न्यूनतम जोत सीमा 0.2 हेक्टर हो।
- 0.2 हेक्टेयर से कम जोत वाले सभी सामान्य श्रेणी के जितने भी किसान होंगे उन सभी को इस योजना के अंतर्गत लाभ नहीं दिया जाएगा।
- यदि किसान के पास 0.2 हेक्टेयर से कमजोर है तो इस योजना का लाभ किसान के द्वारा समूह बनाकर लाभ प्राप्त कर सकता है।
- अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लघु एवं सीमांत किसान के लिए कोई न्यूनतम जोत सीमा निर्धारित नहीं की गई है।
UP nishulk boring Yojana 2023 के अंतर्गत अनुमन्य अनुदान
कृषक की श्रेणी | अनुमन्य अनुदान | अनुमन्य अनुदान |
🔥 बोरिंग निर्माण हेतु | 🔥 पंपसेट स्थापना हेतु | |
🔥 सामान्य श्रेणी के लघु कृषक | 🔥 अधिकतम ₹3000 प्रति बोरिंग | 🔥 यूनिट कास्ट ₹11300 का 25% अधिकतम ₹2800 प्रति पंप सेट |
🔥 सामान्य श्रेणी के सीमांत कृषक | 🔥 अधिकतम ₹4000 प्रति बोरिंग | 🔥 यूनिट कास्ट ₹11300 का 33% अधिकतम ₹3750 प्रति पंप सेट |
🔥 अनुसूचित जाति/जनजाति के लघु/सीमांत कृषक | 🔥 अधिकतम ₹6000 प्रति बोरिंग | 🔥 यूनिट कास्ट ₹11300 का 50% अधिकतम ₹5650 प्रति पंप सेट |
अपनी शुल्क बोरिंग योजना के अंतर्गत लक्ष्य का निर्धारण
- इसके लिए जो लक्ष्य की प्राप्ति प्रत्येक वर्ष जनपद वार लक्ष्य शासन स्तर पर उपलब्ध कराया गए धनराशि के माध्यम से किया जाएगा।
- ग्राम पंचायत के लक्ष्य निर्धारण क्षेत्र पंचायत द्वारा किया जाएगा।
- लक्ष्य से 25% से अधिक की संख्या में लाभार्थी ग्राम पंचायत के द्वारा ग्राम जल संसाधन समिति की सहमति से उपरोक्त अनुसार चयनित किए जाएंगे।
- चयनित लाभार्थियों की सूची विकास अधिकारी को प्रस्तुत की जाएगी।
लाभार्थियों का चयन
- इसके पात्र जो भी लाभार्थी रहेंगे उसका चयन उनकी परीक्षा पात्रता के अनुसार किया जाएगा और UP Nishulk Boring Yojana 2023 का लाभ उन किसानों को नहीं दिया जाएगा जो पूर्व से किसी सिंचाई योजना के अंतर्गत लाभ उठा चुके हैं।
- इसके अलावा बस 2000 से लेकर 2001 में विभाग के द्वारा लागू सिचाई कार्य का करवाया गया संसद के माध्यम से ऐसी किसानों की सूची तैयार की गई है जिनकी भूमि और संचित है इस सूची किसको पर खास ध्यान दिया जाएगा।
- ग्राम पंचायत के दवाई एक अंतिम बैठक की आयोजन रखा गया जिसमें सभी लाभार्थी यू की सूची तैयार की जाएगी।
- बोरिंग के संबंध में इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि प्रस्तावित पंपसेट के लगभग 3 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि की सिंचाई हो सके।
- वाह विकासखंड जोश सैनिक क्रिटिकल कैटेगरी में है उनमें नाबार्ड द्वारा स्वीकृत सीमा के अंतर्गत ही चयन किया जाएगा।
- पंपसेट के माध्यम दूरी नाबार्ड के द्वारा जनपद विशेष के लिए निर्धारित दूरी से कम नहीं होनी चाहिए।
- समग्र ग्राम विकास योजना एवं नक्सल प्रभावित समग्र ग्राम विकास योजना के अंतर्गत चयनित किए गए ग्रामों में सर्वोच्च
प्राथमिकता के आधार पर बोरिंग का कार्य आरंभ किया जाएगा
- एमएस पाइप का उपयोग केवल उन क्षेत्रों में किया जाएगा जहां हाइड्रोजियोलॉजिकल परिस्थितियों के कारण पीवीसी पाइप का प्रयोग नहीं किया जा सकता
- पीवीसी पाइप से होने वाली बोरिंग के लिए पीवीसी पाइप एवं अन्य सामग्री की व्यवस्था किसानों के द्वारा की जाएगी।
- जिला अधिकारी के अंतर्गत एक समिति का गठन किया जाएगा जिसके माध्यम से अनुदान को स्वीकृत करने हेतु पीवीसी पाइप और अन्य सामग्री की दरें निर्धारित की जाएगी जिससे किसानों का लाभ हो सके।
यूपी निशुल्क बोरिंग योजना का क्रियान्वयन
यूपी फ्री बोरिंग योजना की अनुदान स्वीकृत करने के लिए आप सभी को एक समिति का गठन करना होगा जिसके अध्यक्ष जिला अधिकारी होंगे इस समिति में मुख्य विकास अधिकारी अधिशासी अभियंता अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग जिला अधिकारी के द्वारा नामित अन्य दो अधिकारी शामिल होंगे इस समिति के द्वारा इस योजना के अंतर्गत अनुदान की स्थिति जाएगी और इसके अलावा सभी सामग्री की दरें भी निर्धारित की जाएगी अवर अभियंता बोरिंग का कार्य विभाग बोरिंग टेक्नीशियन के द्वारा करवाएंगे।
बोरिंग लगाते समय शुद्ध मैं जानता के जारी के गई जितेन सोचिए नियमों का पालन किया जाएगा गोरी की प्रक्रिया पूरी हो जाने पर बोरिंग का देखती प्रमाण पत्र तैयार किया जाएगा जिस पर लाभार्थी दिन टेक्नीशियन संबंधित टॉवर अभियंता और प्रधान ग्राम पंचायत के हस्ताक्षर होंगे की सूची अवसर अभियंता द्वारा ग्राम पंचायत के नोटिस बोर्ड पर सावधानी का अवसर पर दे दिया जाएगा और इसके अलावा या सूची क्षेत्र पंचायत की बैठक में भी प्रस्तुत की जाएगी।
पंपसेट स्थापना एवं अनुदान स्वीकृति
- किसानों की सभी श्रेणियों के लिए, बैंकों से ऋण लेने की आवश्यकताओं को उबाऊ पंपों को स्थापित करने के लिए समाप्त कर दिया गया है।
- यदि वे चाहें तो किसान बैंकों से ऋण ले सकते हैं।
- अनुदान दिए जाने के बाद, बैंक द्वारा निर्धारित फॉर्म पर कृषि समय युद्ध योजना, छोटे सिंचाई विभाग को मासिक जानकारी दी जाएगी।
- अगले अनुदान की किस्तों की संख्या केवल बैंक को दी जाएगी जब पिछले अग्रिम अनुदान का समायोजन प्राप्त हो गया है।
- किसानों द्वारा निर्धारित राज्य पंप की स्थापना से संबंधित जानकारी पंचायत ग्राम विकास अधिकारी या पत्र बनाने वाले अन्य अधिकारियों को दी जाएगी। यह जानकारी 1 महीने में ऋण संवितरण से दी जाएगी।
- पंप सेट को किसानों द्वारा ऋण राशि की कुल वसूली तक नहीं बेचा जा सकता है।
- पंप सेट को दो महीने से कम विभाग के अधिकारियों द्वारा सत्यापित किया जाएगा।
- यदि सत्यापन के दौरान गलत अनुदान के उपयोग के बारे में जानकारी सामने आती है, तो इस मामले में कार्यकारी इंजीनियरों, संबंधित बैंक जिला अधिकारियों और मुख्य इंजीनियरों (छोटे सिंचाई विभाग) को जानकारी दी जाएगी।
- यदि अनुदान का दुरुपयोग किया जाता है, तो किसानों से अनुदान की संख्या बहाल की जाएगी और फिर बहाल की मात्रा सिंचाई विभाग को दी जाएगी।
- यदि अनुदान की राशि का दुरुपयोग होता है, यदि किसान अनुदान की राशि वापस नहीं करता है, तो मामलों को विशेष रूप से सरकार द्वारा नियंत्रित किया जाएगा।
- मार्क के पंपों की सामग्री को बाजार में किसी भी पंप सेट निर्माता से आधिकारिक विक्रेता के प्राप्तकर्ता द्वारा खरीदा जा सकता है।
- यदि किसान अधिक क्षमता पंप लेना चाहते हैं, तो बोरवेल क्षमता पंप सेट की क्षमता के अनुसार निर्धारित की जाएगी।
गुणवत्ता नियंत्रण एवं भौतिक सत्यापन
- सफल योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए, समय पर निर्दिष्ट वार्षिक लक्ष्य को पूरा किया जाएगा।
- इसके अलावा, उच्च स्तर की गुणवत्ता भी बनाए रखी जाएगी।
- योजना की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए, सत्यापन, जांच और निरीक्षण कार्य विभिन्न स्तरों पर किया जाएगा।
- सत्यापन प्रक्रिया लेते समय, सत्यापन रिपोर्ट पर्यवेक्षी इंजीनियर द्वारा समीक्षा की टिप्पणियों के साथ मुख्यालय को प्रस्तुत की जाएगी।
- इस योजना के तहत उत्पादित कार्य को पंचायत ग्राम जल संसाधन समिति के माध्यम से सत्यापित किया जाएगा।
- पूरा होने के बाद, यह जानकारी ग्राम संसाधन और जल संसाधन समिति को दी जाएगी।
- विभाग अधिकारी अपने संबंधित गांवों में पूरी तरह से उबाऊ होने के लिए स्थलीय सत्यापन करेंगे।
- काम की उबाऊ गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए, छोटे सिंचाई विभागों के विभिन्न स्तरों के अधिकारियों द्वारा सत्यापन किया जाएगा।
यूपी निशुल्क बोरिंग योजना के सामान्य निर्देश
- खंड विकास अधिकारी तथा लाभार्थी किसान को मॉडल प्रकाशन की प्रतियां उपलब्ध करवाई जाएगी।
- UP Nishulk Boring Yojana 2023 के सभी पर और ध्यान से संबंधित जानकारी लघु सिंचाई विभाग द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत एवं छेत्र पंचायत में प्रदर्शित किए जाएंगे।
- बोरिंग का कार्य आरंभ होने पर पहले किसान ग्राम प्रधान जल संसाधन समिति के अध्यक्ष को अवगत करने की व्यवस्था की जाएगी।
- बोरिंग प्रारंभ होने की तिथि पर एक छोटे से कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा जिसमें सभी लाभार्थी ग्राम प्रधान जल संसाधन समिति के सदस्य अथवा अन्य ग्राम वासियों भी उपलब्ध होंगे।
- जिला अस्तर पंप पर मुख्य विकास अधिकारी एवं क्षेत्र पंचायत स्तर पर खंड विकास अधिकारी का दायित्व लाभार्थियों के चयन तथा लोन देने के इच्छुक किसानों को लोन स्वीकृत करने की आर्थिक समस्या निर्धारित प्रक्रियाओं को पूर्ण करना है।
up nishulk boarding Yojana की पात्रता
- आवेदक उत्तर प्रदेश के नए स्थाई निवासी होना चाहिए।
- आवेदक किसान होना चाहिए और किसान के पास न्यूनतम जोत सीमा 0.2 हेक्टर होनी चाहिए।
- यदि किसान के पास न्यूनतम 0.2 हेक्टेयर की जोत सीमा नहीं है तो किसान समूह बनाकर इस योजना का लाभ उठा सकता है
- UP Nishulk Boring Yojana 2023 का लाभ केवल उसी व्यक्ति को दिया जाएगा जब किसान के द्वारा किसी अन्य सिंचाई योजना का लाभ नहीं लिया गया हो।
महत्वपूर्ण दस्तावेज
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- आयु का प्रमाण पत्र
- राशन कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मोबाइल नंबर
यूपी निशुल्क बोरी योजना के अंतर्गत आवेदन करने की प्रक्रिया
- सबसे पहले आपको लगी सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश के जो आधिकारिक वेबसाइट है उस पर जाना होगा।
- अब आपके सामने होमपेज खुलकर आ जाएगा।आपको इस होम पेज पर आपकी योजनाओं का ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।
- इसके बाद आपको अपने पत्र के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।
- इसके बाद आपके सामने एक नया पीडीएफ फॉरमैट ऑनलाइन आवेदन पत्र खुलकर आ जाएगा।
- अब आपको इसका प्रिंट आउट निकालना होगा।
- इसके पश्चात आपको आवेदन पत्र में जितने भी प्रक्रिया महत्वपूर्ण है उन सभी को पूछना होगा और जैसे कि आपका नाम
- मोबाइल नंबर ईमेल आईडी पता सभी आपको वहां दर्ज करना होगा।
- उसमें आपको सभी महत्वपूर्ण जितने में जानकारी होंगी इन सभी को इस आवेदन पत्र में से अटैच करना होगा।
- इसके पश्चात आप इस योजना पर नजदीक की लघु सिंचाई विभाग में जमा कर सकते हैं।
- इस प्रकार आप यूपी निशुल्क बोरी योजना के अंतर्गत आवेदन कर सकते हैं।
लघु सिंचाई विभाग लॉगइन
- सप्तम आपको इसमें लगो सिचाई विभाग उत्तर प्रदेश के भिखारी के साथ जाना होगा।
- इसका अधिकारी वेबसाइट पर जाने के बाद आप के होम पेज पर खुल जाएगा।
- इसमें आपको लॉगइन का ऑप्शन दिखाई देगा आपसे इस अवसर पर क्लिक करना है।
- अब आपके सामने एक नया लॉगइनफॉर्म खुलकर आ जाएगा।
- लॉगइन फॉर्म मैं आपको यूजर नेम और पासवर्ड डालना होगा।
- इसके बाद स्क्रीन पर मौजूद कैप्चा कोड दर्ज करना है।
- अंत में आपके लॉगिन के ऑप्शन पर क्लिक करना है।
- इस तरीके से आप सफलता पर लॉग इन कर सकते हैं।
सारांश (Summary)
हेलो दोस्तों, हमें उम्मीद है कि हमारा आज का यह आर्टिकल आपको बेहद ही पसंद आया होगा। और अगर इस आर्टिकल में आपको किसी प्रकार का सुझाव है तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं और हमारी यह पेज को अपने दोस्तों में शेयर करें ताकि वह भी इस योजना का लाभ उठा सके।
UP Nishulk Boring Yojana 2023 (FAQs)?
जैसा कि मैं आप सभी को बता दूं कि 1950 में प्रदेश के लघु एवं सीमांत किसानों को बोरिंग की सुविधा देने के लिए उत्तर प्रदेश के सरकार के द्वारा यूपी निशुल्क बोरी योजना का आरंभ किया गया था और यूपी निशुल्क बोरिंग योजना के अंतर्गत जितने भी सामान्य जाति और अनुसूचित जनजाति के जितने भी किसान है उन सभी को अपने खेत में सिंचाई करने के लिए बोरिंग की सुविधा दी जाती थी जिससे क्यों अपने फसल की सिंचाई कर सकें और बोरिंग के लिए पंपसेट की व्यवस्था करने के किसान के द्वारा बैंक से लोन भी दिया जाता था और सामान्य श्रेणी के जितने भी लघु एवं सीमांत किसान है उन सभी को इस योजना का भरपूर लाभ दिया जाएगा जिससे कि वह अपने पास न्यूनतम जोत सीमा 0.2 हेक्टर है और 0.2 हेक्टेयर से कम जोत वाले सामान्य से निकली शान जितने भी है इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते हैं यदि किसान के पास 0.2 हेक्टर से कमजोर है तो इस योजना का लाभ समूह बनाकर उठा सकते हैं।
Up Nishulk Boring Yojana का मुख्य उद्देश्य है कि जितने भी प्रदेश के सभी किसान है वह जो भी गरीब किसान जिनकी अपनी फसल की सिंचाई के लिए बोरिंग सुविधा नहीं है और इनके पास इतने पैसे नहीं कि बोरिंग अपने पैसे से करवा सके उन सभी के लिए मुफ्त बोरिंग की सुविधा उपलब्ध करवाना है जिससे कि प्रदेश के सभी किसान की फसल सिंचाई अच्छी तरीके से हो सके और इस योजना के अंतर्गत क्षेत्र की सभी गुणवत्ता बढ़ाने में भी बहुत ज्यादा साबित होगी और इस योजना के माध्यम से सभी किसानों के जीवन स्तर में बहुत अच्छी तरीके से सुधार आएगा और इसके अलावा आपको बता दें कि यह योजना किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए भी बहुत ज्यादा अच्छी तरह से साबित होगी और सरकार इस योजना के माध्यम से सभी किसानों को निशुल्क बोरी की सुविधा दे किसान अपने खेत में सिंचाई अच्छी तरीके से कर सकेंगे और प्रदेश के सभी किसानों को पानी की कमी के कारण सिंचाई न करने की समस्या से भी राहत मिल जाएगी।
सन 1985 में प्रदेश के जितने भी लघु एवं सीमांत किसानों को बोरिंग की सुविधा दी जाएगी और इसके लिए उत्तर प्रदेश की सरकार के द्वारा यूपी निशुल्क बोरिंग योजना का शुभारंभ किया गया है ।
इस योजना के माध्यम से जितने भी सामान्य जाति एवं अनुसूचित जाति जनजाति के जितने भी लघु एवं सीमांत किसान हैं उन सभी को इस योजना के माध्यम से सामान्य जाति एवं अनुसूचित जाति वाले की सिंचाई के लिए बोरिंग की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।
बोरिंग के लिए पंपसेट की व्यवस्था करने के लिए किसान के द्वारा बैंक के द्वारा लोन भी दिया जाएगा जिससे कि सामान्य श्रेणी के सभी लघु एवं सीमांत किसानों को इस योजना का लाभ तभी दिया जाएगा जब उनके पास न्यूनतम जोत सीमा 0.2 हेक्टर हो।
0.2 हेक्टेयर से कम जोत वाले सभी सामान्य श्रेणी के जितने भी किसान होंगे उन सभी को इस योजना के अंतर्गत लाभ नहीं दिया जाएगा।
यदि किसान के पास 0.2 हेक्टेयर से कमजोर है तो इस योजना का लाभ किसान के द्वारा समूह बनाकर लाभ प्राप्त कर सकता है।
अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लघु एवं सीमांत किसान के लिए कोई न्यूनतम जोत सीमा निर्धारित नहीं की गई है।
आधार कार्ड
निवास प्रमाण पत्र
आय प्रमाण पत्र
आयु का प्रमाण पत्र
राशन कार्ड
पासपोर्ट साइज फोटो
मोबाइल नंबर