Uttarakhand Mukhyamantri Balashray Yojana (उत्तराखंड मुख्यमंत्री बालश्रय योजना) 2023 : केंद्र सरकार और सभी राज्य विधानमंडल प्रशिक्षण क्षेत्र में सहयोग कर रहे हैं ताकि भारत की हर संतान को शिक्षा मिल सके। उत्तराखंड बॉस के दिवंगत पुजारी पुष्कर धामी ने अपने राज्य में आवारा बच्चों को स्कूली शिक्षा देने की एक और योजना घोषित की है। इसका नाम है ‘उत्तराखंड मुख्यमंत्री बालश्रय योजना’। इस योजना के माध्यम से, राज्य सरकार बच्चों को कक्षा एक से बारहवीं तक की शिक्षा देगी, जो आपदा, प्लेग और दुर्घटना के कारण फंस गए हैं। इस योजना के द्वारा, भारत की हर संतान को शिक्षा का समान अधिकार होगा और उनका अंतिम भाग्य और शानदार बनेगा।
आप एक महत्वपूर्ण लेख पढ़ रहे हैं जो मुख्यमंत्री बालश्रय योजना से जुड़ा है। इस लेख के माध्यम से हम इस योजना से जुड़े सभी महत्वपूर्ण डेटा जैसे कि इसे शुरू करने के कारण, फायदे और तत्व, योग्यता, महत्वपूर्ण रिकॉर्ड, आवेदन प्रक्रिया आदि के बारे में सरलता से समझाएंगे।
उत्तराखंड मुख्यमंत्री बालश्रय योजना क्या है?
Contents
उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर धामी सिंह जी ने शिक्षक दिवस के अवसर पर केंद्रीय पुजारी के गृह कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड मुख्यमंत्री बालश्रय योजना शुरू करने की सूचना दी है। इस योजना के तहत, उन संतानों को स्कूल प्रशिक्षण (कक्षा 1 से बारहवीं तक) के लिए कार्रवाई की जाएगी, जो किसी भी प्रकार की महामारी, उपद्रव और दुर्घटना के कारण फंसे हुए हैं। इन बच्चों को स्कूल शिक्षा योजना के साथ-साथ किताबें, वस्त्र, जूते, मोजे, रचना और पढ़ने की सामग्री भी मुफ्त में दी जाएगी।
यह योजना उत्तराखंड में उन बच्चों को सहायता प्रदान करेगी, जो गड़बड़ी, प्लेग और दुर्घटना के कारण अपनी शिक्षा से वंचित हो गए हैं। इससे उन्हें स्कूल प्रशिक्षण की सुविधा मिलेगी और वे अपने भविष्य को बेहतर बनाने में सक्षम होंगे।
Uttarakhand Mukhyamantri Balashray Yojana 2023 Highlights
🔥योजना का नाम | 🔥 Mukhyamantri Balashray Yojana |
🔥घोषित की गई | 🔥सीएम पुष्कर सिंह धामी जी के द्वारा |
🔥घोषित तिथि | 🔥5 सितंबर सन 2023 |
🔥लाभार्थी | 🔥किसी भी प्रकार की आपदा, महामारी और दुर्घटना के कारण अनाथ हुए बच्चे |
🔥उद्देश्य | 🔥अनाथ बच्चों को 1 से लेकर 12वीं कक्षा तक की स्कूली शिक्षा प्रदान करना |
🔥साल | 🔥2023 |
🔥राज्य | 🔥उत्तराखंड |
🔥आवेदन प्रक्रिया | 🔥ऑनलाइन |
🔥अधिकारिक वेबसाइट | 🔥अभी मालूम नहीं है |
उत्तराखंड मुख्यमंत्री बालश्रय योजना 2023 का उद्देश्य
उत्तराखंड मुख्यमंत्री बालश्रय योजना का प्राथमिक लक्ष्य उन आवारा बच्चों को स्कूल प्रशिक्षण देना है जो किसी भी प्रकार के प्लेग, उपद्रव और दुर्घटना के कारण फंसे हुए हैं। इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार कक्षा एक से बारहवीं तक के इन युवाओं के लिए स्कूल प्रशिक्षण का आयोजन करेगी। इस योजना का उद्देश्य यह है कि उत्तराखंड की आवारा संतानों को अपने माता-पिता के बिना कक्षा में जाने से वंचित न किया जाए और बिना फीस पर जोर दिए वे लगातार कक्षा में जाकर अपनी शिक्षा प्राप्त कर सकें। चूंकि यह अक्सर देखा गया है कि जब बच्चे आवारा हो जाते हैं, तो उन्हें खर्चों के कारण निरंतर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने से वंचित कर दिया जाता है। फिर भी, अब मुख्यमंत्री बालश्रय योजना उत्तराखंड 2023, आपदा, दुर्घटना और संकट के कारण फंसे युवा वास्तव में राज्य सरकार की सहायता से गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहेंगे।
मुख्यमंत्री बालश्रेय योजना उत्तराखंड के लाभ एवं विशेषताएं
- बॉस पुजारी पुष्कर धामी सिंह ने पांच सितंबर 2023 को प्रशिक्षक दिवस के अवसर पर उत्तराखंड मुख्यमंत्री बालश्रय योजना शुरू करने की घोषणा की है।
- यह घोषणा केंद्रीय पुजारी ने अपने गृह कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान की है।
- Uttarakhand Mukhyamantri Balashray Yojana 2023 के माध्यम से, राज्य सरकार किसी भी प्रकार की आपदा, प्लेग और दुर्घटना के कारण फंसे बच्चों के स्कूल प्रशिक्षण के लिए कार्ययोजना बनाएगी।
- यानी कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक के ऐसे सभी बच्चों को राज्य सरकार नि:शुल्क प्रशिक्षण देगी।
- साथ ही उन्हें फीस बुक, रेगलिया, जूते, मोजे और पढ़ने और लिखने के लिए सभी सामग्री से मुक्त किया जाएगा।
- यह योजना राज्य में आपदा, संकट और दुर्घटना के कारण फंसे बच्चों के स्कूल प्रशिक्षण को आगे बढ़ाएगी और उनके भविष्य को शानदार बनाएगी।
- उत्तराखंड मुख्यमंत्री बालश्रय योजना के तहत, योग्य आवारा युवा वास्तव में शुल्क पर जोर दिए बिना अपने स्कूल की शिक्षा को अच्छी तरह से समाप्त करना चाहेंगे।
- उत्तराखंड के मुख्य पादरी शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए अलग-अलग प्रयास करते रहते हैं। यह योजना भी प्रशिक्षण के क्षेत्र में उनका सकारात्मक प्रयास है।
उत्तराखंड मुख्यमंत्री बालश्रय योजना के अंतर्गत पात्रता
- आवेदक को उत्तराखंड का मूल्य निवासी होना जरूरी है।
- केवल किसी आपदा, महामारी एवं दुर्घटना के कारण अनाथ हुए बच्चों ही उत्तराखंड मुख्यमंत्री बालश्रय योजना के अंतर्गत आवेदन करने के पात्र हैं।
Mukhyamantri Balashray Yojana के आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- आय प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
- माता पिता की मृत्यु का प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट साइज फोटो
उत्तराखंड मुख्यमंत्री बालश्रय योजना के अंतर्गत आवेदन कैसे करें?
Uttarakhand Mukhyamantri Balashray Yojana 2023 – जिज्ञासु योग्य आवारा बच्चे जिन्हें उत्तराखंड मुख्यमंत्री बालश्रय योजना के तहत आवेदन करके शिक्षा प्राप्त करने की आवश्यकता है, तो उन्हें इस योजना के बंद होने तक खड़े रहना चाहिए। चूंकि सीएम द्वारा शिक्षक दिवस के मौके पर यह योजना अभी से शुरू करने की घोषणा की गई है। जल्द ही राज्य सरकार और प्रशिक्षण विभाग इस योजना को राज्य में भेज देगा। जब इस योजना को राज्य में बंद कर दिया जाएगा और इसके तहत आवेदन चक्र के बारे में डेटा का खुलासा किया जाएगा, तो हम आपको इस लेख के माध्यम से इनमें से हर एक डेटा पर प्रकाश डालेंगे। इसके बाद, आपको मुख्यमंत्री बालश्रय योजना से जुड़े आवेदन और विभिन्न अपडेट प्राप्त करने के लिए इस लेख से जुड़े रहने का उल्लेख किया गया है।
सारांश(Summary)
अगर हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई हो तो हमारे इस आर्टिकल को अपने सभी मित्रों के साथ शेयर अवश्य करें और ऐसे ही खबरों को जानने के लिए हमारे इस आर्टिकल से बने रहे ताकि आपके काम की कोई भी खबर आप से ना छूटे|
FAQ उत्तराखंड मुख्यमंत्री बालश्रय योजना 2023
किसी योजना की की शुरुआत मुख्य रूप से बाल श्रम को रोकने और राज्य के श्रमिक गरीब परिवार के बच्चे भी अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकें इसलिए शुरू की गई है।
इस योजना का लाभ राज्य के सभी छात्रों को मिल सके इसलिए इस योजना को प्रदेश सरकार ने चरणबद्ध तरीके से शुरू किया है। पहले चरण में इस योजना को 57 जिलों के 2000 बच्चों को इस योजना में शामिल किया जाएगा। बाकी आगे इस योजना में राज्य के और बचे जिलों को भी शामिल किया जाएगा।
UP Bal Shramik Vidya की शुरुआत 12, जून 2020 श्रमिक निषेध दिवस पर उत्तर प्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के द्वारा की गई थी। जिसे राज्य में वर्तमान समय में सुचारू रूप से चलाया जा रहा है।
UP Bal Shramik Vidya योजना का लाभ सिर्फ बाल मजदूर बच्चो और श्रमिक परिवार के पढ़ाई कर रहै बच्चों को दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री बाल श्रमिक विद्या योजना के अंतर्गत श्रमिक परिवार पढ़ाई कर रहे 8वी, 9वी, 10वी, 12वी छात्रो को आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। योजना के अंतर्गत छात्रो के लिए 1000 रुपये और छात्राओं के लिए 1200 रुपये प्रतिमाह प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री बाल श्रमिक विद्या योजना उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी के द्वारा शुरू की गई एक महत्वकांक्षी योजना है। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश सरकार अपने राज्य श्रमिक परिवार के बच्चों को पढ़ाई के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करेंगीं।
मुख्यमंत्री बाल श्रमिक विद्या के अंतर्गत दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि स्कूल कॉलेज के द्वारा भेजे गए विवरण के हिसाब से समाज कल्याण विभाग द्वारा आपके बैंक खाते में भेजी जाएगी।