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(रजिस्ट्रेशन) ग्रामीण भंडारण योजना 2023: Warehouse Subsidy Scheme

Warehouse Subsidy Scheme 2023, NABARD Gramin Bhandaran Yojana (ग्रामीण भंडारण योजना) – केंद्रीय सरकार द्वारा देश की किसानों की उन्नति एवं विकास हेतु विभिन्न योजनाओं एवं परियोजनाओं का आरंभ किया गया है। इसी दिशा में हाल ही में भारत सरकार ने ग्रामीण भंडारण योजना 2023 की शुरुआत की है। जिसके माध्यम से देश के किसानों को उनके अनाज का भंडारण सुरक्षित रखने हेतु गोदामों की समुचित व्यवस्था उपलब्ध करवाई जाएगी। जिसके माध्यम से लाभार्थी किसान भंडारण गृह का निर्माण कर सकेंगे। बताते चलें कि केंद्र सरकार वर्ष 2023 तक किसानों की आय को दुगनी करने के लिए काम कर रही है इसी क्रम में यह पहल की गई है। आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से ग्रामीण भंडारण योजना 2023 से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में बताएंगे। यदि आप भी इस योजना से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए इच्छुक है तो हमारे इस आर्टिकल के साथ अंत तक अवश्य बने रहे।

Warehouse Subsidy Scheme 2023,ग्रामीण भंडारण योजना

Warehouse Subsidy Scheme 2023

Contents

कई बार ऐसा होता है की फसल को सुरक्षित ना रख पाने के कारण किसानों को अपनी फसल को कम दामों में बेचना पड़ता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ग्रामीण भंडारण योजना 2023 आरंभ की है।इस योजना के अंतर्गत किसानों की फसल को सुरक्षित रखने के लिए भंडारण का निर्माण किया जाएगा। भंडारण का निर्माण किसान खुद भी कर सकते हैं तथा किसानों से जुड़े संस्थाएं भी कर सकती है। इस योजना में किसानों को भंडार गृह का निर्माण करने के लिए लोन प्रदान किया जाएगा तथा लोन पर सब्सिडी भी दी जाएगी।

Warehouse Subsidy Scheme 2023 Highlights

🔥योजना का नाम 🔥ग्रामीण भंडारण योजना
🔥किस ने लांच की 🔥केंद्र सरकार
🔥लाभार्थी 🔥किसान
🔥उद्देश्य 🔥किसानों को भंडार ग्रह प्रदान करना।
🔥साल 🔥2023
🔥आधिकारिक वेबसाइट 🔥Www.Nabard.Org

ग्रामीण भंडारण योजना क्षमता

NABARD Gramin Bhandaran Yojana – यहां जानकारी के लिए बता दें कि इस योजना के अंतर्गत क्षमता का निर्णय उधमी के माध्यम से किया जाएगा। परंतु सब्सिडी लेने के लिए गोदाम की क्षमता का न्यूनतम 100 टन होना अनिवार्य है और अधिकतम 30000 टन होना आवश्यक है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर गोदाम की क्षमता 100 टन से कम हुई या फिर 30000 टन से अधिक हुई तो फिर इस स्कीम के अंतर्गत सब्सिडी का लाभ नहीं दिया जाएगा। लेकिन यहां पर बता दे कि कुछ स्थितियों में गोदामों की क्षमता यदि 50 टन से कम हुई तो तब भी उनको सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा यह भी जान ले कि जो पर्वतीय इलाके हैं वहां पर गोदाम की क्षमता अगर 25 टन होगी तो उनको तब भी सब्सिडी दी जाएगी। साथ ही यहां पर आपको बता दें कि इस स्कीम के तहत लोन चुकाने की अवधि 11 साल रखी गई है।

NABARD Gramin Bhandaran Yojana के अंतर्गत सब्सिडी मिलने का आधार

  • प्लेटफार्म का निर्माण
  • गुणवत्ता प्रमाणन सुविधा
  • गोदाम के निर्माण में लगने वाली पूंजी की लागत
  • विभिन्न वेयरहाउसिंग सुविधाएं इत्यादि।
  • पैकेजिंग की सुविधा
  • भीतरी सड़क का निर्माण
  • ग्रेडिंग सुविधा
  • चारदीवारी का निर्माण
  • जल निकासी प्रणाली का निर्माण कार्य

ग्रामीण भंडारण योजना का उद्देश्य

केंद्रीय कृषि कल्याण विभाग द्वारा आरम्भ की गयी Warehouse Subsidy Scheme का मुख्य उद्देश्य देश के किसान भाइयों की आय दोगुनी करके उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है, जिससे उनके एवं उनके परिवार के जीवन स्तर में वृद्धि हो सकें। भारत सरकार द्वारा प्रारम्भ की गयी NABARD Gramin Bhandaran Yojana के अंतर्गत किसानों को अनाज भंडारण उपलब्ध करवाए जायेंगे, जहाँ वें अपने अनाजों को सुरक्षित रख सकेंगे। इसके साथ ही इस योजना के माध्यम से किसान भाइयों को भण्डार गृह के निर्माण हेतु ऋण भी प्रदान किये जायेंगे, जिस पर सब्सिडी की सुविधा उपलब्ध की जाएगी। केंद्र सरकार की इस योजना के माध्यम से किसानों के अनाज लम्बे समय तक सुरक्षित रहेंगे एवं किसान अपने अनाजों को सही समय पर उचित मूल्य पर बाजार में बेच सकेगें, जिससे उनकी आय में अच्छी वृद्धि होगी। देश के ऐसे किसान जो इस योजना के तहत मिलने वाले लाभों को प्राप्त करना चाहते है, उन्हें इस योजना के आधिकारिक वेबसाइट nabard.org पर जा कर अपना आवेदन करना अनिवार्य होगा।

ग्रामीण भंडारण योजना के लाभार्थी

  • कृषक
  • किसान समूह या उत्पादक समूह
  • प्रतिष्ठान
  • गैर सरकारी संगठन
  • स्वयं सहायता ग्रुप
  • कंपनियां
  • निगम
  • व्यक्ति
  • सरकारी संगठन
  • परिसंघ
  • कृषि उपज विपण समिति

ग्रामीण भंडारण योजना 2023 के अंतर्गत प्रदान की जाने वाली सब्सिडी की दरें

  • केंद्र सरकार द्वारा आरंभ की गयी Gramin Bhandaran Yojana Scheme के तहत पहाड़ी क्षेत्र के नागरिकों अथवा अनुसूचित जाति-जनजाति से सम्बंधित व्यक्ति अथवा संगठनों के क्षेत्रों में परियोजना की पूंजी लागत का एक तिहाई हिस्सा केंद्र सरकार द्वारा अधिकतम 3 करोड़ रुपये तक की धनराशि सब्सिडी के तौर पर प्रदान की जाती है।
  • इस योजना के तहत ऐसे लाभार्थी किसान जो अन्य संस्था, कंपनियों एवं निगम के अंतर्गत आते है, उन्हें परियोजना पूंजी की लागत का केवल 15% सब्सिडी के रूप में प्रदान की जाती है, जो 1.35 करोड़ रुपये के धनराशि से अधिक नहीं होगा।
  • इसके साथ ही यदि कोई किसान स्नातक है अथवा किसी सहकारी संगठन से संबंधित है एवं वह अपने क्षेत्र में किसी परियोजना का कार्य करवाता है तो इस परिस्थिति में उन्हें परियोजना लागत के 25% की सब्सिडी प्रदान की जाती है, जो अधिकतम 2.25 करोड़ रुपये तक की धनराशि होगी।
  • किसानों द्वारा भंडार गृहों का निर्माण एनसीडीसी की सहायता से किये जाने पर उन्हें केंद्र सरकार द्वारा परियोजना लागत का केवल 25% सब्सिडी के तौर पर प्रदान किया जाएगा।

ग्रामीण भंडारण योजना 2023 के अंतर्गत आने वाले बैंक

  • अर्बन कोऑपरेटिव बैंक
  • रीजनल रूरल बैंक
  • कमर्शियल बैंक
  • नॉर्थ ईस्टर्न डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन
  • स्टेट कोऑपरेटिव एग्रीकल्चरल एंड रूरल डेवलपमेंट बैंक
  • स्टेट कोऑपरेटिव बैंक
  • एग्रीकल्चरल डेवलपमेंट फाइनेंस कमेटी

ग्रामीण भंडारण योजना के अंतर्गत परियोजना की पूंजी लागत

  • 1000 टन क्षमता के गोदाम के लिए:- बैंक द्वारा प्रदान की गई मुलयांकित परियोजना लागत या वास्तविक लागत या फिर 3500 रुपए प्रति टन। इन में से जो भी कम है।
  • 1000 टन से ज्यादा क्षमता वाले गोदाम:- बैंक द्वारा प्रदान की गई मूल्यांकन परियोजना लागत या फिर वास्तविक लागत या फिर 1500 रुपए प्रति टन। इनमें से जो भी कम हो।

Warehouse Subsidy Scheme 2023 के मुख्य तथ्य

  • गोदाम में कुछ सुविधाएं जैसे की पक्की सड़क, जल निकासी की व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था, समान लाने उतारने की व्यवस्था आदि होना अनिवार्य है।
  • सभी रोशनदान तथा खिड़कियां पक्षियों से सुरक्षित होनी चाहिए।
  • सारे दरवाजे, खिड़कियां वायु अवरोधक होनी चाहिए।
  • गोडाउन कीटाणुओं से सुरक्षित होना चाहिए।
  • भंडार गृह का निर्माण सीपीडब्ल्यूडी या फिर सीपीडब्ल्यूडी- के के दिशा निर्देशों के अनुसार होना चाहिए।
  • अपनी मर्जी से कहीं भी भंडार ग्रह का निर्माण कर सकता है।
  • ग्रामीण भंडारण योजना के अंतर्गत आवेदक को गोदाम के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य है।
  • भंडार ग्रह 1000 टन से ज्यादा है तो उससे सीडब्ल्यूसी से मान्यता प्राप्त करनी जरूरी है।
  • गोदाम की ऊंचाई 4-5 मीटर से कम नहीं होनी चाहिए।
  • इस योजना के अंतर्गत गोदाम इंजीनियरिंग मानकों के अनुसार बनना चाहिए।
  • Warehouse Subsidy Scheme 2023 के अंतर्गत आवेदक को वैज्ञानिक भंडारण का निर्माण करना होगा।
  • इस योजना के अंतर्गत आवेदक के पास खुद की जमीन होना अनिवार्य है।
  • गोदाम की क्षमता का निर्णय इस योजना के अंतर्गत आवेदन पर निर्भर किया गया है।
  • गोदाम नगर निगम की सीमा क्षेत्र से बाहर होना अनिवार्य है।

Warehouse Subsidy Scheme के लाभ एवं विशेषताएं

  • ग्रामीण भंडारण योजना 2023 की शुरुआत केंद्र सरकार द्वारा किया गया है जिसके अंतर्गत देश के किसानों को लाभान्वित किया जाता है।
  • इस योजना के अंतर्गत किसान भाइयों को उनके अनाजों को सुरक्षित रखने हेतु भंडार गृह की सुविधा प्रदान की जाती है।
  • केंद्र सरकार की इस योजना के माध्यम से किसानों को गोदाम बनाने हेतु ऋण भी प्रदान किये जाते है, जिस पर सब्सिडी की सुविधा भी उपलब्ध की जाती है।
  • लाभार्थी किसान इस योजना के तहत निर्धारित किये गए बैंकों से भंडार गृह बनाने हेतु ऋण प्राप्त कर सकते है।
  • इसके साथ ही Gramin Bhandaran Yojana 2023 के अंतर्गत किसान अपने अनाज को सुरक्षित रखने हेतु भंडारण का निर्माण स्वयं भी कर सकते है एवं किसानों से सम्बंधित संस्थानों द्वारा भी किया जा सकता है।
  • इस योजना के तहत मिलने वाले भंडार गृह के लाभ से किसान भाई अपने अनाज को लंबे समय तक सुरक्षित रख सकेगें, जिससे उनके अनाज खराब एवं बर्बाद नहीं होंगे।
  • लाभार्थी किसान अपने सुरक्षित अनाजों को बाजार में सही समय पर सही दर पर बेच सकेंगे, जिससे उन्हें मुनाफा होगा एवं उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।
  • केंद्र सरकार द्वारा आरम्भ की गयी इस योजना के तहत मिलने वाले लाभों को प्राप्त करने हेतु इच्छुक किसानों को इस योजना की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से अपना पंजीकरण करवाना आवश्यक होगा।
  • इच्छुक किसान भाई अपने मोबाइल व कंप्यूटर के माध्यम से इस योजना के तहत स्वयं आवेदन कर सकते है, जिससे उनके पैसे एवं समय दोनों की बचत होगी।

Gramin Bhandaran Yojana 2023 के पात्रता मापदंड

  • केंद्र सरकार द्वारा आरम्भ की गयी Warehouse Subsidy Scheme के तहत मिलने वाले लाभों को प्राप्त करने हेतु आवेदक को भारत का स्थायी निवासी होना चाहिए।
  • इस योजना के अंतर्गत केवल किसान तथा कृषि से जुड़े संगठनों को ही पात्र माना जायेगा।
  • इसके साथ ही आवेदक किसान के पास उनकी खुद की कृषि भूमि होना अनिवार्य होगा।
  • आवेदक किसान भाइयों के पास सभी आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध होने चाहिए।

आवश्यक दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • पहचान पत्र
  • राशन कार्ड
  • मूल निवास प्रमाण पत्र
  • खेती से सम्बंधित आवश्यक दस्तावेज
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • मोबाइल नंबर

ग्रामीण भंडारण योजना के अंतर्गत आवेदन करने की प्रक्रिया

देश के ऐसे इच्छुक किसान नागरिक जो Gramin Bhandaran Yojana 2023 के तहत मिलने वाले लाभों को प्राप्त करने हेतु आवेदन करना चाहते है, उन्हें निम्न दिशा-निर्देशों का पालन करना आवश्यक होगा:-

  • सबसे पहले आपको नेशनल बैंक एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट(नाबार्ड) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।

  • अब आपके सामने होम पेज खुल कर आएगा।
  • होम पेज पर आपको अप्लाई नाउ के बटन पर क्लिक करना होगा।
  • अब आपके सामने आवेदन फॉर्म खुलकर आएगा।
  • आपके इस आवेदन फॉर्म में पूछी गई सभी जानकारी दर्ज करनी होगी।
  • इसके पश्चात आपको सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को अटैच करना होगा।
  • अब आपको सबमिट के बटन पर क्लिक करना होगा।
  • इस प्रकार आप ग्रामीण भंडारण योजना के अंतर्गत आवेदन कर पाएंगे।

Contact number

सारांश (Summary)

हमने अपने इस आर्टिकल के माध्यम से आपको ग्रामीण भंडारण योजना से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर दी है। यदि आप अभी भी किसी प्रकार की समस्या का सामना कर रहे हैं तो आप हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करके या फिर ईमेल के माध्यम से अपनी समस्या का समाधान कर सकते हैं। हेल्पलाइन नंबर तथा ईमेल आईडी हमने ऊपर दे दिए हैं।

 

Gramin Bhandaran Yojana 2023 (FAQs)?

✅ नाबर्ड ग्रामीण भण्डारण योजना क्या है?

NABARD Gramin Bhandaran Yojana यह महाराष्ट्र सरकार की किसान हेतु लक्ष्यी योजना है। इसके अंतर्गत Warehouse Subsidy प्रदान किया जाता है। योजना के अंतर्गत अनाज भण्डारण बनवाने के लिए 25-33% तक सब्सिडी प्रदान की जाती है।

✅ ग्रामीण भण्डारण योजना कब प्रारम्भ हुयी?

Gramin Bhandaran Yojana को वर्ष 1 अप्रैल 2001 में NBARD के अंतर्गत प्रारम्भ किया गया था। इस योजना के अंतर्गत Warehouse को Subsidy द्वारा बनाया जाता था। इस योजना को वर्ष 2012 में बंद दिया गया।

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