केंद्रीय कृषि मंत्री गजेंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना किसानों के हित में एक शुरुआत है आगे चलकर किसानों को सहयोग की राशि बढ़ाई जा सकती हैं ।
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केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत मिलने वाले ₹6000 की रकम बस एक शुरुआत है , भविष्य में इस रकम को बढ़ाया जा सकेगा । बातचीत के दौरान शेखावत ने कहा जैसे-जैसे जीडीपी बढ़ेगी देश तरक्की करेगा वैसे ही किसानों की सहायता के लिए यह राशि भी बढ़ेगी । ₹6000 सालाना यह तो बस शुरुआत है किसान निधि योजना में अधिक राशि दी जानी है ।
कृषि बजट बजट में बढ़ोतरी ।
शेखावत ने कहा कि मोदी सरकार ने हर साल कृषि पर बजट बढ़ाया है , इसलिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के रकम को भी बढ़ाया जाएगा क्योंकि देश के संसाधनों पर पहला हक गांव , गरीब और किसान का है । उन्होंने यह भी बताया कि इस स्कीम को ठीक से इंप्लीमेंट करने की है जैसे ही इंप्लीमेंटेशन सही हो जाए सही किसानों तक रकम पहुंच जाए , वैसे ही योजना की प्रोत्साहन राशि बढ़ा दी जाएगी ।
उन्होंने यह भी बताया कि सरकार किसान क्रेडिट कार्ड(केसीसी) की कवरेज रकम बढ़ाने के ऊपर भी सरकार काम कर रही है । अभी किसान क्रेडिट कार्ड 50 फ़ीसदी किसानों के पास ही है , यानी 14 करोड़ किसान परिवारों में से मात्र 7 करोड़ किसान परिवार के पास किसान क्रेडिट कार्ड मौजूद है । इसका कारण किसान क्रेडिट कार्ड लेने की जटिल प्रक्रिया को बताई गई है ।
किसान क्रेडिट कार्ड बनाने की प्रक्रिया को सरकार आसान करना चाहती है ।
बैंकिंग एसोसिएशन से सरकार ने गुजारिश की है कि वह इसके लिए आवेदन की कोई फीस नहीं ले और साथ ही सिर्फ तीन डॉक्यूमेंट की ही मांग की जाए । पहला जो व्यक्ति आवेदन कर रहा है वह किसान है या नहीं , इसके लिए आवश्यक जमीन के कागजात , दूसरा निवासी प्रमाण पत्र और तीसरा आवेदक का शपथ पत्र यानी कि आवेदक के ऊपर किसी बैंक का कोई बकाया नहीं है । इस प्रकार से सरकार किसानों को लाभ देने के लिए नई-नई योजनाएं ला रही है और पुरानी चल रही योजनाओ में भी बदलाव किए जा रहे हैं ।
बैंकों को मिला निर्देश किसानों की सहायता करने की ।
शेखावत ने बताया कि राज्य सरकारों और बैंकों को कहा गया है कि वह पंचायत के सहयोग से गांव में कैंप लगाकर किसान क्रेडिट कार्ड बनाने की प्रक्रिया को जल्दी शुरू करें । सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड को अब सिर्फ खेती तक सीमित नहीं रखा है इसमें पशुपालन और मत्स्य पालन का भी प्रावधान किया गया है । इन दो श्रेणियों में अधिकतम किसानों को 2 लाख तक दिए जाएंगे ई फार्मिंग में अधिकतम 3 लाख तक मिल सकते हैं ।