आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड को आपस में लिंक करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है और सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि इस कार्य को जल्द से जल्द संपन्न करें ।
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याचिका में कही गई कुछ ऐसी बातें ।
भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर याचिका में कहा था कि आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड को आपस में लिंक करना मुनासिब होगा ऐसा करने से संविधान के तहत प्रदत्त मौलिक अधिकारों में से किसी का भी उल्लंघन नहीं हो सकेगा । चुनाव में फर्जी मतदान को भी एक लगाम लग जाएगी ।
आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड को आपस में लिंक करने के क्या है फायदे ।
अगर आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड को आपस में लिंक कर दिया जाता है तो इससे चुनाव में होने वाली सबसे बड़ी समस्या फर्जी मतदान पर रोक लग जाएगी , चुनाव आयोग के द्वारा कहा गया था कि चुनाव में उन्हें सबसे ज्यादा समस्या फर्जी मतदान से ही होती है , चुकी आधार कार्ड एक व्यक्ति का एक बार ही बन सकता है और आधार कार्ड को अगर वोटर आईडी कार्ड के साथ लिंक कर दिया जाए तो फर्जी मतदान की समस्या पूरी तरह से खत्म हो जाएगी । यहां तक कि हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड को आपस में लिंक करने का निर्देश भी दे दिया है , हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को अगले 8 हफ्ते के अंदर दिशानिर्देश बनाने का आदेश दिया है ।
सरकार ला सकती है आधार कार्ड आधारित चुनाव प्रणाली ।
बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने याचिका दायर करते हुए बताया कि आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड आपस में लिंक हो जाने से संविधान में प्रदत्त किए गए मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं हो सकेगा और फर्जी मतदान पर भी रोक लग जाएगी । ऐसा हो जाने से सरकार आधार आधारित चुनाव मतदान प्रणाली का इस्तेमाल काफी आसानी से कर सकेगी ।
नोट :- सुप्रीम कोर्ट का नया फैसला और चुनाव आयोग अगर ऐसा कर देती है तो आम हिंदुस्तानी जनताओं को इसका काफी ज्यादा फायदा मिल जाएगा और भारत के अंतर्गत ऐसी ही सरकार का गठन होगा जिनको भारत की जनता ने वोट देकर चुना है , फर्जी मतदान की समस्या भी खत्म हो जाएगी ।
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